बागेश्वर धाम सरकार धीरेन्द्र शास्त्री का जीवन परिचय | बागेश्वर धाम विवाद | बागेश्वर धाम कहां है | बागेश्वर धाम की सच्चाई क्या है
आजकल इंटरनेट पर बागेश्वर धाम सरकार खूब चर्चा में है। चाहे यूट्यूब हो , ट्विटर हो या फेसबुक हर जगह बागेश्वर धाम चर्चा का विषय बना हुआ है। यही नहीं कई प्रमुख न्यूज़ चैनल पर इंटरव्यू भी जोरो से चल रहा है। ऐसे में अब आप सोच रहे होंगे की क्या है बागेश्वर धाम सरकार ? आज के इस आर्टिकल में आपको बागेश्वर धाम सरकार के बारे में पूरी जानकारी मिलेगी बस इस आर्टिकल को पूरा पढियेगा।
बागेश्वर धाम सरकार धीरेन्द्र शास्त्री का जीवन परिचय
धीरेन्द्र शास्त्री का पूरा नाम धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री है। ये आजकल सोशल मीडिया और इंटरनेट पर तहलका मचाये हुए है। इनके लाखो की संख्या में भक्त है जो दरबार में आते है।
इनके इतना चर्चा में आने की वजह बहुत खास है। दरअसल ये लोगो की मन की बात बिना बताये ही जान लेते है। इसकी वजह से भक्त काफी प्रभावित होते है और उनको हनुमान का अवतार मानते है।
धीरेन्द्र शास्त्री का प्रारंभिक जीवन, उम्र और परिवार
धीरेन्द्र शास्त्री का जन्म 4 जुलाई 1996 को मध्यप्रदेश के छतरपुर जिले के गड पंज गांव में हुआ था। ये एक हिन्दू ब्राम्हण परिवार से ताल्लुक रखते है। इनके पिता का नाम राम कृपाल गर्ग और माता का नाम सरोज गर्ग है। परिवार में इनके माता पिता के अलावा एक भाई और एक बहन भी है।
इनका शुरुआती जीवन गांव में बीता है और यही से इन्होने शुरुआती शिक्षा प्राप्त की है। इनका परिवार आर्थिक रूप से संपन्न नहीं था इसलिए बचपन गरीबी में ही गुजरा। इनको शुरू से ही अध्यात्म से लगाव था इसलिए ये अक्सर भजन और धार्मिक कथाये सुनने में रूचि रखते थे। अध्यात्म में रूचि होने के वजह से इन्होने इसकी शिक्षा अपने दादा जी से ली।
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पंडित धीरेन्द्र की शिक्षा
इनकी शुरुआती शिक्षा गांव से ही हुयी है , इसके बाद आगे की पढ़ाई के लिए गांव से कुछ दूर पर स्थित सरकारी स्कूल में में Admission लिया। फिर इसके बाद कॉलेज में एडमिशन लिया और ग्रेजुएशन की डिग्री पूरी की।
लेकिन इनका मन पढ़ाई में नहीं लगा और इन्होने अपना ध्यान अध्यात्म की तरफ मोड़ लिया , रामायण और भगवत गीता का अच्छे से अध्ययन किया और अपने दादा जी के शिष्य बन गए। इसके बाद इन्होने दरबार लगाना शुरू किया और लोग इनके बातो से प्रभावित होने लगे और आज लाखो श्रद्धालु दरबार में आते है।
बागेश्वर धाम क्या है
बागेश्वर धाम मध्य प्रदेश के छतरपुर किले के गड़ा में मौजूद एक मंदिर है जहा लाखो श्रद्धालु पूजा अर्चना करने आते है। यह वही गांव है जहा पंडित धीरेन्द्र शास्त्री का जन्म हुआ था। दुनिया भर से लोग यहाँ आते है और अपनी अर्जी लगते है।
यहाँ पर सप्ताह में सिर्फ 1 दिन अर्जी लगायी जाती है और वो दिन होता है मंगलवार। क्योकि मंगलवार हनुमान जी का दिन होता है, इसलिए इसी दिन अर्जी लगायी जाती है और दरबार भी लगता है। यहाँ जो लोग भी अर्जी लगाने आते है वो एक लाल कपड़े में नारियल बांध कर लाते है और उसे मंदिर में चढ़ाते है।
ऐसी लोगो की मान्यता है की इससे मनोकामना पूरी होती है। इसके अलावा उसी दिन पंडित धीरेन्द्र शास्त्री का दरबार भी लगता है। जहा लोग अपनी समस्या लेकर आते है और समाधान पाते है
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धीरेन्द्र शास्त्री कैसे बने बागेश्वर धाम पीठाधीस्वर
पंडित धीरेन्द्र शास्त्री अपने गुरु के साथ बचपन से गद्दी लगते थे। गुरु के शमाधि लेने के बाद एक धीरेन्द्र ही थे जो बागेश्वर धाम की गद्दी संभाल सकते थे, इसलिए इन्हे यहाँ का पीठाधीस्वर बना दिया गया। अब धीरेन्द्र शास्त्री ही हर मंगलवार को हनुमान जी की आराधना करते है और सारा कार्यक्रम सँभालते है।
पंडित धीरेन्द्र शास्त्री पर विवाद
हाल ही में बागेश्वर धाम के नाम से मशहूर धीरेन्द्र शास्त्री विवादों में घिर गए, उनपर नागपुर की एक संस्था ने आरोप लगाया है की, पंडित धीरेन्द्र शास्त्री लोगो के भावनाओ के साथ खिलवाड़ कर रहे है। और लोगो को धर्म की आड़ में बेवकूफ बना कर अपना उल्लू सीधा कर रहे है।
इसको लेकर सोशल मीडिया पर एक कैम्पेन चल रहा है। कई लोग इनके विरोध में तो कुछ लोग सपोर्ट में बोलते दिख रहे है।
नागपुर की संस्था अंध श्राद्ध उन्मूलन समिति के सदस्य श्याम मानव ने धीरेन्द्र शास्त्री को चुनौती दी है की वो अगर नागपुर में आकर चमत्कार दिखाते है तो, उन्हें 30 लाख रुपये इनाम में दिया जायेगा। लेकिन इस चुनौती को धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री ने स्वीकार नहीं किया है।
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नागपुर से क्यों भागे बागेश्वर धाम सरकार धीरेन्द्र शास्त्री
नागपुर में बागेश्वर धाम सरकार धरेंद्र पंडित का कार्यक्रम था लेकिन वो 2 दिन पहले ही उसे बीच में छोड़ कर चले आये। नागपुर की संस्था का कहना है की उनको चमत्कार साबित न कर पाने का डर था, इसलिए बीच में ही वो कार्यक्रम छोड़ कर भाग गए।
वही इस विवाद पर सफाई देते हुए धीरेन्द्र शास्त्री ने कहा की उनके पास कोई दिव्य शक्ति नहीं है , और न ही वो किसी भी चमत्कार का कोई दावा करते है। और वो किसी का भविष्य नहीं बता सकते है। आगे उन्होंने कहा की उनका कार्यक्रम उतने ही दिन का था इसलिए वो वापस आ गए।
बागेश्वर धाम सरकार की सच्चाई क्या है ?
अब इतना कुछ पढ़ने के बाद आपके मन में ये आ रहा होगा की आखिर बागेश्वर धाम सरकार की सच्चाई क्या है ? तो आपको बता दे की इसके बारे में सचाई पता करने के लिए सभी सिस्टम को सही से पता करने के बाद ही इसकी सचाई पता किया जा सकता है। क्योकि अभी तक जो भी खबर सोशल मीडिया और न्यूज़ में है उसमे विरोधाभास है।
सारांश
कुछ भी हो अभी तक के इस विवाद में कुछ कन्फर्म नहीं है की आखिर बागेश्वर धाम सरकार की सच्चाई क्या है ? यह मै आप पर छोड़ता हूँ की क्या सच में कोई दिव्य शक्ति है ? या कुछ ट्रिक है जिससे लोग बेवकूफ बन रहे है ? कमेंट करके जरूर बताइये।
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